Flying Taxi : सरला एविएशन ने भारत की पहली स्वदेशी उड़ने वाली टैक्सी ‘शून्य’ का अनावरण किया है। यह यात्रियों को ले जाने वाली यह Flying Taxi 250 किमी/घंटा की गति से 160 किमी तक उड़ सकती है। 2028 में बेंगलुरु से शुरुआत करके यह मुंबई, दिल्ली आदि शहरों में सेवाएं प्रदान करेगी। कंपनी का लक्ष्य किफायती यात्रा और आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना है।
India’s First Flying Taxi Lonch
सरला द्वारा लॉन्च किया गया शून्य
भारत के एयरोस्पेस क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाते हुए, स्टार्टअप सरला एविएशन ने ‘स्टार्टअप महाकुंभ’ में अपनी प्रोटोटाइप उड़ने वाली टैक्सी ‘शून्य’ का अनावरण किया है। यह देश की पहली स्वदेशी एयर टैक्सी है। जो शहरी परिवहन के भविष्य को नई उड़ान देने के लिए तैयार है।
यह एक बार चार्ज करने पर 160 किलोमीटर तक उड़ सकता है।
‘शून्य’ एयर टैक्सी एक बार में 160 किलोमीटर तक उड़ान भर सकती है। हालाँकि, शुरुआत में इसका इस्तेमाल 20-30 किलोमीटर की छोटी दूरी की यात्राओं के लिए किया जाएगा। यह टैक्सी 250 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ने में सक्षम होगी और मात्र 20 मिनट की चार्जिंग में अगली यात्रा के लिए तैयार हो जाएगी।
7 लोगों के बैठने की जगह
इस Flying Taxi में 6 यात्रियों के बैठने की क्षमता है, जबकि पायलट समेत कुल 7 लोग इसमें आराम से यात्रा कर सकेंगे। यह यात्रा के समय को कम करने में बहुत सफल होगा, विशेषकर भीड़भाड़ वाले महानगरीय क्षेत्रों में।
2028 तक सेवा शुरू करने का लक्ष्य
सरला एविएशन का लक्ष्य 2028 तक बेंगलुरु से वाणिज्यिक शून्य-घंटे सेवा शुरू करना है। इसके बाद इसका विस्तार मुंबई, दिल्ली, नोएडा और पुणे जैसे शहरों में भी किया जाएगा। खास बात यह है कि कंपनी इस Flying Taxi में यात्रा की कीमत ओला-उबर की प्रीमियम सेवा के समान ही रखने की योजना बना रही है, ताकि आम लोग भी इसे वहन कर सकें।
एम्बुलेंस के रूप में भी उपयोगी
कंपनी ने न केवल यात्रियों के परिवहन के लिए, बल्कि शहरी क्षेत्रों में आपातकालीन चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी निःशुल्क एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू करने की घोषणा की है। यह सेवा गंभीर मरीजों को ट्रैफिक जाम से बचाने और उन्हें समय पर अस्पताल पहुंचाने में विशेष रूप से मददगार साबित होगी।
एयरोस्पेस नवाचार में एक ऐतिहासिक कदम
‘शून्य’ भारत के एयरोस्पेस नवाचार और हरित परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम है। वह दिन दूर नहीं जब देश के लोग बिना ट्रैफिक में फंसे आसमान में अपने दफ्तरों और घरों के बीच यात्रा कर सकेंगे।